तुम्हारा नाम लिखते लिखते दिल के पन्ने भी कम पड़ गऐ ---- सोचा है लिखूँ मैं हवाओं पर नैनों से नाम तेरा... तुम्हारा नाम लिखते लिखते दिल के पन्ने भी कम पड़ गऐ ---- सोचा है लिखूँ मैं हवाओं ...
दिल्ली से इस्लामाबाद तक फिर से एक बार हिंदूस्तान लिखें। दिल्ली से इस्लामाबाद तक फिर से एक बार हिंदूस्तान लिखें।
मैं बलिदान किया करता हूँ, जीवन यूँ ही जिया करता हूँ ... मैं बलिदान किया करता हूँ, जीवन यूँ ही जिया करता हूँ ...
"नारी-शक्ति" की अग्रिम मिसाल, उस "नीलम-रत्न" को खो दिया! "नारी-शक्ति" की अग्रिम मिसाल, उस "नीलम-रत्न" को खो दिया!
ये उतनी ही बार जगमगा उठा होगा, जैसे खुद ही शर्मा कर पूछ रहा हो! ये उतनी ही बार जगमगा उठा होगा, जैसे खुद ही शर्मा कर पूछ रहा हो!
थककर बैठा क्यों है उठ चल थककर क्या हासिल होगा इन्हीं दुआओं के सहारे चल रहा हूँ आज भी थककर बैठा क्यों है उठ चल थककर क्या हासिल होगा इन्हीं दुआओं के सहारे चल रहा हूँ आ...